Saturday, December 29, 2012

KISI RAH MEIN KISI MOD PAR



किसी राह में, किसी मोड़ पर
कहीं चल न देना तू छोड़ कर
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र
किसी हाल में, किसी बात पर
कहीं चल न देना तू छोड़ कर
मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र

मेरा दिल कहे कहीं ये न हो
नहीं ये न हो
किसी रोज़ तुझसे बिछड़ के मैं
तुझे ढूँढती फिरूँ दर-ब-दर
मेरे हमसफ़र...

तेरा रंग साया बहार का
तेरा रूप आईना प्यार का
तुझे आ नज़र में छुपा लूँ मैं
तुझे लग न जाए कहीं नज़र
मेरे हमसफ़र...

तेरा साथ है तो है ज़िन्दगी
तेरा प्यार है तो है रोशनी
कहाँ दिन ये ढल जाए क्या पता
कहाँ रात हो जाए क्या ख़बर
मेरे हमसफ़र...