Wednesday, September 16, 2015

teej (Haritalika)

हरितालिका व्रत कथा
कहते हैं कि इस व्रत के माहात्म्य की कथा भगवान् शिव ने पार्वती जी को उनके पूर्व जन्म का स्मरण करवाने के उद्देश्य से इस प्रकार से कही थी-

“हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर गंगा के तट पर तुमने अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया था. इस अवधि में तुमने अन्न ना खाकर केवल हवा का ही सेवन के साथ तुमने सूखे पत्ते चबाकर काटी थी. माघ की शीतलता में तुमने निरंतर जल में प्रवेश कर तप किया था. वैशाख की जला देने वाली गर्मी में पंचाग्नी से शरीर को तपाया. श्रावण की मुसलाधार वर्षा में खुले आसमान के नीचे बिना अन्न जल ग्रहन किये व्यतीत किया. तुम्हारी इस कष्टदायक तपस्या को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुःखी और नाराज़ होते थे. तब एक दिन तुम्हारी तपस्या और पिता की नाराज़गी को देखकर नारदजी तुम्हारे घर पधारे.


Saturday, August 15, 2015

15 August

१५ अगस्त २०१५ 


आओ हम सब झुक कर सलाम कर करे भारत माँ को हमारे हिस्से में ये मुकाम आता है वतन पर मर मिटने वाला यहाँ सहीद कहलता है जिसमे न कोई हिन्दू है न कोई मुस्लिम न सिख ...कोई ए पी जे अब्दुल कलाम -.भगत सिंह चन्दर शेखर आज़ाद सुबाष चन्दर बोष जैसा हिंदुस्तानी कहलाता है...



मारना है तो वतन दके लिए मारो मरते हो क्यों दुल्हन के लिए 
वरना हसीनो की गलियो में मारे जाओगे तो तरसोगे मात्र एक कफ़न के लिए