Sunday, March 27, 2011

Innzaar

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1
हसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया,
जाने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया!
बाकी रह जाती है क्या जिन्दगी में,
जो मरने के बाद बुलाती है दुनिया!
2
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिन पर वो कश्ती चलाते रहे!
मंजिल उन्हें मिले ये चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहें!
3
गम को भुलाना आसूओं को है मुश्किल
आसूओं को भुलाना आँखों को है मुश्किल
आँखों को भुलाना नजारों को है मुश्किल
हमें भुलाना तुमको है मुश्किल
अगर आप भूल भी गए, तो हम ना भूले सनम,
क्योंकि गम का भुलाना हमें है मुश्किल
4
हर धड़कन में एक राज़ होता
हर बात बताने का एक अंदाज़ होता है
जब तक ठोकर ना लगे बेवफाई का
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है
5
जब तुम्हारी याद आती है तो कोई गीत गुनगुनाता हूँ
कहीं आँखों में ना आये आंसू, इसलिए हर घडी मुस्कुराता हूँ

हरीश परदेशी


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