१.
इस कदर न यारों से पूछों ..........
जब बात रात की हो, इशारों से पूछों.........
लहरों से खेलना तो समुन्दर का सौख है ........
लगती है चोट कैसे ये किनारों से पूछो .........
२.
ठुकरा के उसने मुझको ,
कहा की मुस्कुरावो, मैंने हस दिया
आखिर सवाल उसकी ख़ुशी का था
मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था
३.
कितना वो इत्मीनान से ठुकरा गए मुझे
आंसू बना के आँख से टपका गए मुझे
कैसी ये रहबरी थी ये कैसा फरेब था
मंजिल दिखा के राह से भटका गए मुझे
४.
उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया
याद में उनकी हमने तडपना छोड़ दिया,
रोये बहुत वो हमारे पास आकर
जब हमारे दिल धडकना छोड़ दिया
Harish Vishwakarma