१५ अगस्त २०१५
आओ हम सब झुक कर सलाम कर करे भारत माँ को हमारे हिस्से में ये मुकाम आता है वतन पर मर मिटने वाला यहाँ सहीद कहलता है जिसमे न कोई हिन्दू है न कोई मुस्लिम न सिख ...कोई ए पी जे अब्दुल कलाम -.भगत सिंह चन्दर शेखर आज़ाद सुबाष चन्दर बोष जैसा हिंदुस्तानी कहलाता है...
मारना है तो वतन दके लिए मारो मरते हो क्यों दुल्हन के लिए
वरना हसीनो की गलियो में मारे जाओगे तो तरसोगे मात्र एक कफ़न के लिए
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