8
विद्वान पुरुस किसी विषय को देर तक सुनता है किन्तु शीघ्र ही समझ लेता है,
समझकर कर्त्तव्य बुद्धि से पुरुषार्थ में प्रवृत्त होता है- कामना से नहीं,
विना पूछे दुसरे के विषय में व्यर्थ कोई बात नहीं कहता है!
उसका यह स्वभाव पंडित की मुख्य पहचान है
९
पंडितो की सी बुद्धि रखने वाले मनुष्य दुर्लभ वस्तु की कामना नहीं करते,
खोई हुई वास्तु के विषय में शोक करना नहीं चाहते और विपत्ति में पड़कर घबराते नहीं
१०
जो पहले निश्रय करके फिर कार्य का आरंभ करता है
कार्य के बीच में नहीं रुकता , समय को व्यर्थ जाने देता
और चित्त को वस् में रखता है वही पंडित कहलाता है!
Harish
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