सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देती
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देती,
तुम्हारे प्यार की बातें हामे सोने नहीं देती
तुम्हारी रेशमी जुल्फों में दिल के फूल खिलते है,
कहीं फूलों के मौसम में कभी हम तुम भी मिलते थे
पुरानी वो मुलाकातें हमें सोने नहीं देती
कहो ऐसा न हो लग जाये दिल में आग पानी से
बादल ले राश्ता अपना घटायें मेहरबानी से
के यादों की ये बरसातें हमें सोने नहीं देती
हरीश
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