Thursday, December 2, 2010

दुपट्टा उतार  देगी कफ़न के लिए.......
कुछ हाँथ से उसके फिसल गया 
वाह पलक झपक कर निकल गया 
फिर लास बिछ गयी लाखों की 
सब पलक झपक कर बदल गया 
जब रिश्ते राख में बदल गए 
इंसान का दिल दहल गया 
मै पूंछ पूंछ कर हार गया 
क्यों मेरा भारत बदल गया
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Written by:- harish chand V.

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