Thursday, December 9, 2010

Friendship

राजा.... को अपने तुम तो उल्फत में डाल देती हो,
खुद तो रोटी हो  हमको  भी रुला देती  हो

हीना रंग लाती है पत्थर पर घिस जाने के बाद
दोस्तों की याद आती है कहीं दूर चले जाने के बाद


written by:-Harish Chand Vishwakarma

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