Sunday, December 12, 2010

Sharaabi

दोस्तों पीओ लेकिन रखो हिसाब 
तुम बहुत हसीं हो, गुलाब जैसी हो 
दिल चाहे तुम्हे पी जाऊ...............
तुम तो सर से पाँव तक शराब जैसी हो ....

बोतल छुपा देना कफ़न में मेरी,
शमशान  में पीया करूँगा,
जब मांगेगी हिसाब खुदा...
तो उन्हें भी एक पेग बना कर दिया करूँगा !

राम जनम में दूध मिला 
श्याम जनम में घी 
इस कलयुग में दारु मिला 
सोच समझ के पी

Written by : Harish Chand Vishwakarma

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