दोस्तों पीओ लेकिन रखो हिसाब
तुम बहुत हसीं हो, गुलाब जैसी हो
दिल चाहे तुम्हे पी जाऊ...............
तुम तो सर से पाँव तक शराब जैसी हो ....
बोतल छुपा देना कफ़न में मेरी,
शमशान में पीया करूँगा,
जब मांगेगी हिसाब खुदा...
तो उन्हें भी एक पेग बना कर दिया करूँगा !
राम जनम में दूध मिला
श्याम जनम में घी
इस कलयुग में दारु मिला
सोच समझ के पी
Written by : Harish Chand Vishwakarma
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