Sunday, December 5, 2010

Dard Mere Dil ka Koi naa Jaane

दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने 
1
दर्द मेरे दी का कोई ना जाने 
ना कोई मेरी वफ़ा पहचाने 
जिसका सहारा बना था कभी मै 
वो ही लगे दिल को दुखाने 
दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने
2
हर रात उनकी याद में गुजारे 
हर दिन नया जख्म दे  के जाये
आँखों से बहती है अस्कों की धारा
सितमगढ़ जब याद आ ही जाये 
उनके लिए मै दुनिया भूल आया 
वो ही लगे मेरे दिल को दुखाने 
दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने 
Written by: - Harish chand V.

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