Thursday, December 30, 2010

31 december 2010 ke liye khch khaas

हर नजर में एक नज़र की तलाश है 
आँखों से दूर दूर , दिल के पास पास 
हर लम्हा जुदाई का गम, हर लम्हा मिलने की आस !

कमजोर है वो जो चाहते है अपने मोहब्बत को भुलाना,
नाज़ कर अपने मोहब्बत पर, अपने दल को ना रुलाना !

तेरे गम ने जो दिल को सताया है ,
बस यही सोच कर आज दिल भर आया है !
कभी तो इस सूखे मौसम बूँद बरसेगी,
यहीं सोचकर ,आँखों में सावन ऊमर आया है

आँखों से आंसुओं की लकीर बनती है 
तेरे आने से मेरी तस्वीर बनती है 
अगर कभी भी रेत पर अंगुली फिरौं जो मै
तो बस अनायास ही तेरी तस्वीर बनती है
हरीश मासूम

Saturday, December 25, 2010

i am busy


Na kahenge tumhe manane ko,
Na kahenge sapno me aane ko,
Na kahenge tumhe bhul jane ko,
 
Aaj kaam bahut hain ye jaano to !

Harish Masoom

Friday, December 17, 2010

Mukesh ki yaaden


 Mukesh ki Yaaden


Zindagi Aur Bata Tera Irada Kya Hai?
Ek Hasrat thi k Aanchal ka Mujhe Pyar mile
Mai ne Manzil ko Talasha, Mujhe Bazaar mile
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?
Jo b Taqdeer banata hoon, Bigar jaati hai
Dekhte Dekhte Dunya hi Ujar jaati hai
Meri Kashti, Tera Toofaan se Wada kya hai
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?
Tu ne jo Dard dya, uski Qasam khata hoon
Itna zyaada hai ke, Ehsaas daba jata hoon
Meri Taqdeer bata, Aur Takaaza kya hai?
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?
Mai ne Jazbaat k Sang khelte Daulat dekhi
Apni Aankhon se Mohabbat ki Tijaarat dekhi
Aisi Dunya mai Mere waaste rakha kya hai?
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?
Aadmi chahe to Taqdeer badal sakta hai
Poori Dunya ki wo Tasveer badal sakta hai
Aadmi soch to le, uska Iraada kya hai?
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?
Ek Hasrat thi k Aanchal ka Mujhe Pyaar mile
Mai ne Manzil ko Talasha, Mujhe Bazaar mile
Zindagi Aur Bata Tera Iraada Kya Hai?

Harish Vishwakarma

Monday, December 13, 2010

Dosti

दोस्ती 
सबसे बड़ी जिंदगी है
जिंदिगी से बड़ा प्यार
प्यार से बड़ी दोस्ती है 
दोस्ती एक अफसाना है 
निभावो तो अपना है 
और भूल जाओ तो सपना है 

कामयाबी कभी बड़ी नहीं होती,
पाने वाले हमेशा बड़े होते है!
दरार कभी बड़ी नहीं होती,
भरने वाले हमेशा बड़े होते है!
इतहास के हर पन्ने पर लिखा है,
दोस्ती कभी बड़ी नहीं होती,
निभाने वाले हमेशा बड़े होते है!

भूल से भी कभी हमें याद किया करो,
प्यार नहीं तो शिकायत ही किया करो,
इतना भी गैर ना समझो की बात ही ना किया करो,
फोन नहीं तो offliner ही दिया करो !

Written by : - Harish chand Vishwakarma 

 

Sunday, December 12, 2010

Sharaabi

दोस्तों पीओ लेकिन रखो हिसाब 
तुम बहुत हसीं हो, गुलाब जैसी हो 
दिल चाहे तुम्हे पी जाऊ...............
तुम तो सर से पाँव तक शराब जैसी हो ....

बोतल छुपा देना कफ़न में मेरी,
शमशान  में पीया करूँगा,
जब मांगेगी हिसाब खुदा...
तो उन्हें भी एक पेग बना कर दिया करूँगा !

राम जनम में दूध मिला 
श्याम जनम में घी 
इस कलयुग में दारु मिला 
सोच समझ के पी

Written by : Harish Chand Vishwakarma

Friday, December 10, 2010

sharaab dard ki dawa

Sharaab dard ki dawa 
sharaab dard ki dawa hai,
peene se koi kharabi nahi,
dil ki dard se peete hai,
waise ham sharaabi nahi.... 

Written By:- Harish chand Vishwakarma

 

Sharaee

 शराबी 
कुछ लोग पीते है गम भुलाने को 
कुछ लोग पीते है कोई और गम भुलाने को 
पर ऐ दोस्त ये क्या ......
हम तो माहौल ना मिलने के गम में पीते है

जाम से जाम पीने से क्या फायदा,
शाम को पी सुबह उतर जाएगी,
अरे दो बूंद इश्क के  पी ले,
जिंदिगी शारी नशें में गुजर जाएगी!

नशा हम किया करते है 
इल्जाम शराब को दिया जाता है 
कसूर शराब का नहीं उनका है 
जिनका चेहरा हमें हर जाम में नज़र आता है 

हर तरफ ख़ामोशी का शाया है
जिसको देखो वहीँ प्यारा है 
गिर पड़ा हूँ मोहब्बत की भूख से 
पर लोग कहते है " देखो पीकर आया है "

एक जाम उल्फत के नाम,
एक जाम दोस्ती के नाम 
आधी बोतल वफ़ा के नाम... और ..
पूरी बोतल बेवफा के नाम 

रोक दो मेरे जनाजे को 
मुझमे जान आ गयी है 
अरे सालों पीछे मुड़ के तो देखो 
दारू की दूकान आ गयी है 

Written By: - Harish Chand  Vishwakarma

Thursday, December 9, 2010

लोग पीते है 
लोग पीते है शराब मैखाने जा जा कर पी है , जो दो पल में उतर जाएगी 
हमने तो पी है अपनी महबूब की आँखों से, जो उम्र भर ना उतर पायेगी..
पिलाना फ़र्ज़ था तो 
पिलाना फ़र्ज़ था तो कुछ भी पीला दिया होता 
शराब कम थी तो पानी मिला दिया होता 
अगर जुबाँ पर शर्म ओ पहरा था,
मुस्करा कर सर ही हिला दिया होता 
उम्मीद नहीं है फिर भी 
उम्मीद नहीं  है फिर भी जीये जा रहा हूँ
खली है बोतल फिर भी जीये जा रहा हूँ 
पता नहीं ओ मिलेंगे या नहीं 
इजहार ऐ मोहब्बत के लिए पिए जा रहा हूँ 
मोहब्बत यहाँ बिकती है 
मोहब्बत यहाँ बिकती है और इश्क नीलाम होता है,
भरोसे का कतल यहाँ खुले आम होता है,
ज़माने से ठोकर मिले तो चले हम मैखाने में,
और वही ज़माना हमें शराबी सरे आम कहता है!

Written by: - Harish chand Vishwakarma

Friendship

राजा.... को अपने तुम तो उल्फत में डाल देती हो,
खुद तो रोटी हो  हमको  भी रुला देती  हो

हीना रंग लाती है पत्थर पर घिस जाने के बाद
दोस्तों की याद आती है कहीं दूर चले जाने के बाद


written by:-Harish Chand Vishwakarma

Tuesday, December 7, 2010

Dil Me Ek Tufaan Sa Uthega

 दिल में एक तूफान सा उठेगा!
यादों की झरोखों में जब देखेंगे तुम्हें,
दिल में एक तूफान सा उठेगा!
जब अस्कों के साथ बहेंगे अरमान ,
दिल में एक तूफान सा उठेगा !
अगर मिल गये  जिंदगी के किसी मोड़ पर,
वक़्त बस वही ठहर जायेगा!
अगर मिलेगा कहीं जहाँ में साहिल से साहिल,
दिल में एक तूफ़ान सा उठेगा !

Written by: - Harish chand Vishwakarma

Monday, December 6, 2010

Mohabbat Ki Talash Hai

मोहब्बत की तलाश है 
1
तेरी आँखों की सागर में, डूब जाने को जी चाहता है 
की पी के तेरे लोवों के प्याले को , बहक जाने को जी चाहता है !
2
मोहब्बत मिलेगी या तो नफरत मिलेगी,
कुछ तो तेरे कुछ में रहत मिलेगी 
भरोसा है तुझपे मेरे हमदम,
तू जान भी लेगा तो जन्नत मिलेगी !
मुझे आंसुओं की तलास नहीं 
मुझे जिंदिगी की तलास है,
जिसे  ढूंढ़ कर भी ना पा सकी 
मुझे फिर उसकी तलास है !

खुदा के इश्क का रंग कैसा था
यूँ  जमाने से कोई सिकायत ना थी,
क्या कहूँ  खुदा के इश्क का रंग कैसा था!
फासले यूँ अपनों से कब की टूट चुकी थी,
थी वो मेरे पास ही फिर वो रिश्ता कैसा था!
Written by :- harish Chand Vishwakarma

Dosti

 दोस्ती 


दो दिन के मेहमान बन के, वो अलविदा मुझे कह गये!
कुछ ना उससे पूछ सके, बस सोचते ही रह गये
वो भी गैर मै भी गैर, फिर भी किया मुझे कह गये!
दूर तो वो पहले ही थे, अब ना जाने कहाँ जाके बह गये!
हम बैठे थे उनकी राहों में, किसी और को सांथ ले गये!
उन के लिए रो भी नहीं सकते, जाते - जाते गैर मुझे कह गये!
उसे  विदा करके हम, ना जाने चुप कैसे बैठ गये हम!
अफ़सोस ना हुआ उसे जाने का, भरी खुसी से बाय कह गये!
जहा भी रहो खुसी ही रहो, जन्नत तुझे मुबारक हो!
दोस्त - दोस्त कहते - कहते, अपनी दोस्ती भी साथ ले गये.........!

Written By: - Harish Chand Vishwakarma

Shri Vishwakarma Ji Ka Mahatw


श्री विश्वकर्मा जी का महत्व: -
आरी से अमृतसर, आगरा अवन्तिपुर
बसूला से बुलंद शहर, बम्बई को बसाया है!
आरा से अमेरिका, आस्ट्रेलिया को 
रेती से रेतकर, रूस को चमकाया है!
हालेंड को हथौड़ा से, नेपाल को 
निहाई पर पीटकर बढ़ाया है!
सडसी से समुन्दर को,
भाथी से भयंकर तूफ़ान को उठाया है 
सरस को चमकाया, विश्व को बनाया है,
तब जाकर के नाम विश्वकर्मा कहलाया है 

Written by :- Harish Chand Vishwakarma

Sunday, December 5, 2010

Dard Mere Dil ka Koi naa Jaane

दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने 
1
दर्द मेरे दी का कोई ना जाने 
ना कोई मेरी वफ़ा पहचाने 
जिसका सहारा बना था कभी मै 
वो ही लगे दिल को दुखाने 
दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने
2
हर रात उनकी याद में गुजारे 
हर दिन नया जख्म दे  के जाये
आँखों से बहती है अस्कों की धारा
सितमगढ़ जब याद आ ही जाये 
उनके लिए मै दुनिया भूल आया 
वो ही लगे मेरे दिल को दुखाने 
दर्द मेरे दिल का कोई ना जाने 
Written by: - Harish chand V.

Sapno se dil lagane ki aadat nahi rahi

Sapno se dil lagane ki aadat nahi rahi,
har waqt muskurane ki aadat nahi rahi,
ye soch ke ki koi manaane nahi aayega,
ab hume rooth jaane ki aadat nahi rahi


Sapno se dil lagane ki aadat nahi rahi,
har waqt muskurane ki aadat nahi rahi,
ye soch ke ki koi manaane nahi aayega,
ab hume rooth jaane ki aadat nahi rahi

Written by:-Harish chand V.


Adhuri Si zindagi mehsoos Hoti hai

Adhuri Si zindagi mehsoos Hoti hai

Adhuri Si zindagi mehsoos Hoti hai
mujhe Teri kami mehsoos Hoti hai

Yeh Palkein Shabnami Si Kyon Hui Hai Aaj!!!
Inn Aankhon Mein Ek Nami si mehsoos Hoti Hai

Uske Honton par Mera Naam Kaampta sa Reh gaya
Judai mein Ek Tadap Si mehsoos Hoti Hai

Humesha Se saath Rehne Ki Kasam Khaai Thi!!!
Woh Kasam Teri Badi Mehsoos Hoti Hai 

Written by: - Harish chand V.

Sathi

तुमने चाहा ही नहीं हालातबदल सकते थे
तेरी आसूं मेरी आँखों से निकल सकते थे
तुम तो ठहरे रहे झील की पानी की तरह
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे
ज़ुबान ही सिर्फ एक दरिया नहीं
जो आप शब्दों को समझ पाएंगे
कभी आँखों में झांक कर देखिये
हजारों अल्फ़ाज़ खुद बा खुद विखर जायेंगे

Written by: - Harishchand V

Kya Likhun

 क्या लिखूं...?
तेरे आँखों में भरा प्यार का सागर लिखूं,
या तेरी मुस्कान में छुपा अपना  जीवन लिखूं 
चुप चुप कुछ बोलती ये तेरी साँसे लिखूं 
या तेरी आहट की छेदी हुई कोई धुन लिखूं !

तेरी आवाज को तरसते अपनी अरमान लिखूं 
या तेरी दीदार में अपना इंतजार लिखूं !

वो एक बीते पल, महीने साल लिखूं ,
या वो सदियों सी लम्बी रात लिखूं!

तेरे पास होने की ख़ुशी लिखूं,
या इस दूरी में गिरे मेरे आसूं   लिखूं

तुझे अपनी साँस लिखूं 
या अपनी धडकनों की सांस लिखूं 
क्या लिखूं 
या अपने  दिल मे बसा तेरे लिए प्यार लिखूं

Written by: - Harish Chand V.

Mohabbat

 मोहब्बत:-
:मोहब्बत में ना पड़ना मेरे  दोस्तों मोहब्बत में बस रुसवाई है....
पहले तो दिल आबाद रहेगा, आखिरी में तन्हाई है!

Wrriten by: -Harish chand V.

Saturday, December 4, 2010

Sad Shayari

  1.  
मोहब्बत मुझे थे उसी से ...सनम 
यादों में उसकी ये दिल तडपता रहा....
मौत भी चाहत को मेरे रोक न  सकी...
कबर में भी ये दिल धडकता रहा
2
काश तुम मुझे एक ख़त लिख देते,
मुझमे क्या - क्या थी कमी, ये तू बता देते!
ताड़ते दिल से मेरे तुमने नफरत क्यों की,
नफरत की ही मुझे कोई वजह तो बता देते!
3
मैंने सपनों को दूर होते हुए देखा है,
जो मिले नहीं उसे खोते हुए देखा है !
लोग कहते फूल सदा मुस्कराते है 
मैंने एकेले में फूलों को रोते हुए देखा है 
4
सामने ना हो तो तरसती है आँखे,
याद में तेरी बरसती है आँखे !
मेरे लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ 
आपका बेपनाह इंतज़ार करती है आँखें?

Happy New Year 2011

नया साल मुबारक हो -
1 :-बीत गए जो साल , भूल जाईये 
इस नए साल को गले लगाईये!
करते है हम दुआ रब से सर झुकाके ...
इस साल का सरे सपने पुरे हो आपके!
* नया साल मुबारक हो * 
2 :- शेर कभी छुपकर शिकार नहीं करते,
बुजदिल कभी खुलकर वार नहीं करते!
और हम ओ है जो 'Happy New Year' कहने के लिए,
एक तारीख का इन्तजार नहीं करते!
* नया साल मुबारक हो *
3 :-सबके  दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आने वाला हर दिन लिए खुशियों का त्यौहार,
इस उम्मीद के साथ आवो  भूलके सारे गम
New Year 2011 को हम सब करें Welcome 

Written by: - Harish Chand V.

Friday, December 3, 2010

उन्हें मुस्कारना जो पसंद था हमारी बेव्कुफिओं पे
तो हम भी जान बुझकर बेवकूफियां करते गए,
फिर एक दिन ओ तनहा एकला छोड़ गए, हमें कह के की
'हरीश' तुम बेवकूफियां बहुत किया करते हो !

Prde na kijiye

Parda isliye na karo ki tum bahut khubsurat nahi
Utha do chehre se nakab hum kahte hai tum badsurat nahi
Meri hi gajal ho tum mere pyar ki dayri
Pal-pal gungunata hoon jise, tum ho meri wo shayri
Hum kahte hai ki parda karo to pura karo e
In nashili aankhon se hamko na ghura karo
Ham to mar mite hain tumhare hi pyar se
Hamko roka karo na yun bhare bazar main
Jab se hue hain unpe fida ek 'Harish'
Jab maja aata hai unke didar se.

Haasy Ras

एहशान मेरे  दिल पर मारा है दोस्तों 
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों,
ससुराल जब गया तो मेरा हाल ये हुआ 
सासु ने पकड़ कर मुझे कमरे में बंद किया,
और बीबी मुझे झाड़ू से मारा है दोस्तों !

Written by:- Harish chand V.

Thursday, December 2, 2010

दुपट्टा उतार  देगी कफ़न के लिए.......
कुछ हाँथ से उसके फिसल गया 
वाह पलक झपक कर निकल गया 
फिर लास बिछ गयी लाखों की 
सब पलक झपक कर बदल गया 
जब रिश्ते राख में बदल गए 
इंसान का दिल दहल गया 
मै पूंछ पूंछ कर हार गया 
क्यों मेरा भारत बदल गया
              ****
Written by:- harish chand V.

Desh Bhaqt

जेलर कहते है  भगत सिंह से :- 
भगत सिंह तुम्हे कल फांसी होगी
भगत सिंह कहते है:-
जेलर साहेब, 
  " देनी है जो भी सजा धमकाते हो क्या,
     अरे यू बार - बार फांसी का नाम सुनाते हो क्या!

    वक़्त ने छोड़ा है किसे ये जरा बिचार करो,
    एक दिन खाएगी तुम्हे भी दो चार दिन इंतज़ार करो!

Written by:- Harish chand. V

Friends

१:- खुदा जब हुस्न देता है तो, खुशिया आ जाती है,
     दोस्ती की नहीं जजाती दोस्ती हो जाती है
२:  अब के बिछ्ड़ें तो शायद ख़्वाबों में मुलाकात हो,
     सूखे हुए गुलाब किताबों में मिले!


Written by: - Harishchand .V .

Wednesday, December 1, 2010

गा तो मै भी सकता हूँ,
लेकिन wo आवाज कहाँ,
बजा तो मै भी सकता हूँ
लेकिन ओ साज

Masoom Chehra

इजाजत अगर दे दो ख़त को हमारे ,
तो ये मासूम चेहरा ख़त चूम लेगा!
रखोगी अगर इसे हथेली पर अदप से,
तो ये मासूम चेहरा लव चूम लेगा!
अगर फाड़ दोगी गुस्से में आकर ,
तो ये फट कर पन्ना तेरा कदम चूम लेगा !

Writter by:- Harishchand V.

Aaina

१:-आइना हटा दो ऐ सूरत देखने वालों ,
   तुम्हे आईने की क्या जरुरत 
   हम जो है तुम्हे देखने वाले 
२:-आइना सामने रखोगी यो याद आऊंगा 
   अपनी जुल्फों को सवारोगी तो याद आऊंगा,
   
  भूल जाना मुझे आसन नहीं है इतना 
   जब मुहे भूलना चाहोगी तो याद आऊंगा,
  
   एक दिन भीगे थे बरसात में हम दोनों 
   अब जो बरसात में भिगोगी तो याद आऊंगा,
  
   याद आऊंगा उदासी की जो रुत आएगी
   जब कोई जस्न मनाओगी तो याद आऊंगा,
   आइना सामने रखोगी तो याद आऊंगा 
   अपनी जुल्फों को सवारोंगी तो याद आऊंगा,

Written by:- Harishchand V.

Monday, November 29, 2010


Jate ho pardesh piya
Jate ho pardes piya, jate hi khat likhana…………2
Dhekho tum bhi, khat mera.....2  pate hi khat likhana
Jate ho pardes piya ……

Likhna kaise, sabra ka kata, kaise gujare, o parchhind
Kya mahsus kiya tha tumne, Sanjh dhle jab mere bin,
tab tab yaad meri aayi, kaise tumne rat bitayi
Jate ho …………..2

Apni judayi, ke is pal se, pahle khat ke, aane tak
Pal pal ki tum bate likhna, pura khat bhar jaane tak
Gum gum sum khoi- khoi, tum chhup -chup kar kitna roi
Jate ho ………….2

Dhekh nahi  paye k tumko, ojhal hote ye naina
O mai pal ke, bhund rahi hu, Tum chal do mere sajna
Ye to hai ek tarfa bidayi, isme pyar ki hai ruswai
Jate ho………..
Dheko tum……..
Jate ho pardesh…….

written by:- Harish V.
 
Aati hai rat odhe huye dard ka kafan

Aati  hai rat odhe huye, Dard ka kafan…2
Jalim Teri naigah se, jalata Gaya kafan…2
Aati hai…..2
Kis kis ko mai dikhau bata, apne dil ki jakham
Pahne huye hai sab hi yaha, maut ka kafan2
Jalim teri …..
Ati hai rat….
Aaye na raas hamko teri, dosti ke ful….2
kante chaman ke banana, lage fir mera kafan
Jalim …..
Aati hai ……..
Ye julm ye sitam ye dilo, kiy dawte 2
Kahte hai inko log yaha, ful ka kafan2
Jailm…..
Aati………..
Jalim teri
Aati hai रत

written by:- Harish V.
महबूब -
१:- एक एकला इस शहर में जीनेकी तो कोई नहीं मरने का बहाना धुनता है 
२:- दो नैनो में आंशु भरे है नदिया कहाँ से समाये ........
     झूठे तेरे वादों  पे बरस बिताएं 
     जिंदिगी तो कटी, ये रात  कट जाएँ
३:- कहने वालों का तो कुछ नहीं जाता
     सुनाने वाले कमाल करते है
     कौन ढूंढे जवाब दर्दों के
     लोग तोबस सवाल करते है

written by:-  Harish V.

Friday, October 8, 2010

Kismat

Socha tha aisa naseeb ho, har manjil dil ke kareeb ho
khuda bhi bhala uske liye kya kare, jiski kismat hi badnaseeb ho

Gharaundha

ek ekela is shahar me jeene ki to koi wajah nahi marne ka bahana dhundhata hai