मोहब्बत की तलाश है
1
तेरी आँखों की सागर में, डूब जाने को जी चाहता है
की पी के तेरे लोवों के प्याले को , बहक जाने को जी चाहता है !
2
मोहब्बत मिलेगी या तो नफरत मिलेगी,
कुछ तो तेरे कुछ में रहत मिलेगी
भरोसा है तुझपे मेरे हमदम,
तू जान भी लेगा तो जन्नत मिलेगी !
३
मुझे आंसुओं की तलास नहीं
मुझे जिंदिगी की तलास है,
जिसे ढूंढ़ कर भी ना पा सकी
मुझे फिर उसकी तलास है !
खुदा के इश्क का रंग कैसा था
यूँ जमाने से कोई सिकायत ना थी,
क्या कहूँ खुदा के इश्क का रंग कैसा था!
फासले यूँ अपनों से कब की टूट चुकी थी,
थी वो मेरे पास ही फिर वो रिश्ता कैसा था!
Written by :- harish Chand Vishwakarma
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